अभी हाल ही में महाराष्ट्र में Zika Virus के कई नए केस सामने आये हैं। जिनमे से अधिकतर गर्भवती महिलाओ में हैं। आखिर क्या हैं ज़ीका वायरस और कितना खतरनाक हैं ये आइये जानते हैं –
क्या हैं Zika Virus ?
Zika Virus एक तरह का Mosquito borne virus हैं जो की सबसे पहले युगांडा के Zika Forest में 1947 में Rhesus Monkey के अंदर पाया गया और इसके बाद इंसानो में इसका इन्फेक्शन देखा गया। 1950 में अफ्रीका के कई हिस्सों में इंसानो को इस बीमारी से ग्रसित पाया गया। जीका वायरस, वायरसेस के Flaviviridae Family से आता हैं, यह वायरस रेस्पोंसिबल होता हैं ज़ीका फीवर के लिए। Flaviviridae एक ऐसे Viruses का परिवार हैं जो मूलतः पक्षियों और स्तनधारियों यानि मैमल्स को ही इन्फेक्ट करता हैं। इसका नाम युगांडा के उसी जंगल, जहा ये पहली बार मिला यानी Zika Forest पर पड़ा।
कैसे फैलता हैं Zika Virus ?
Zika Virus आमतौर पर संक्रमित एडीज मच्छर के काटने पर इंसानो में होता हैं। ये वही मच्छर हैं जो डेंगू और चिकुनगुनिया फ़ैलाने के लिए भी जिम्मेदार होता हैं। यह मच्छर सिर्फ दिन में ही काटता हैं।
इसके अलावा प्रेग्नेंसी के वक्त माँ के जरिये भ्रूण को भी ये संक्रमित कर सकता हैं, जिससे जनम लेने पर बच्चे के सिर का आकार सामान्य से छोटा रह जाता हैं। इसके अलावा किसी संक्रमित के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाने से या Blood Transfusion के दौरान या Organ Transplantation के दौरान भी ये हो सकता हैं।
क्या होते हैं लक्षण ?
आमतौर पर जिसको भी ज़ीका वायरस इन्फेक्ट करता हैं उसे लक्षण नहीं आते, लेकिन जिन्हे आते हैं उन्हें हल्का फुल्का बुखार , जोड़ों में दर्द की शिकायत , शरीर पर चकते पड़ना और सिर में दर्द जैसी शिकायते रहती हैं। ये सभी लक्षण संक्रमित होने के 3-14 के बाद ही आते हैं और 2-7 दिन तक ही रहते हैं।
यहाँ लक्षण खतम हो जाने का मतलब ये नहीं की इंसान के शरीर से ज़ीका वायरस पूरी तरह से ख़तम हो गया क्यूंकि ऐसा पाया गया हैं पुरुषो के Semen में ज़ीका वायरस लगभग 6 महीने तक जिन्दा रहता हैं। यह वायरस पुरुषो के टेस्टिस में रेप्लिकेट करता हैं और आस पास की कोशिकाओं को भी नुक्सान पहुंचाता हैं।
क्या हैं इलाज़ ?
अभी तक ज़ीका वायरस का कोई पुख्ता इलाज तो नहीं हैं , लेकिन वो मरीज जिन्हे Zika Fever हो उन्हें ज्यादा से ज्यादा आराम करना चाहिए , ज्यादा से ज्यादा पानी या किसी भी तरह के तरल पदार्थ का सेवन करना चाहिए, और लक्षण दूर करने के लिए डॉक्टर के द्वारा दी हुई दवाई समय समय पर लेते रहनी चाहिए। अगर तबियत और बिगड़े तो तुरंत डॉक्टर की सलाह ले।
क्या इसकी वैक्सीन हैं ?
जी नहीं , अभी तक ज़ीका वायरस की कोई वैक्सीन नहीं बनी हैं।
क्या हैं बचने के उपाय ?
चूँकि इसके फैलने का सबसे बड़ा कारण मच्छर के काटने से हैं तो जरुरी हैं की आप दिन में अधिकतर समय हलके रंग के कपडे पहने और ज्यादा से ज्यादा शरीर को ढक कर रखे। हलके रंग के कपड़ो से मच्छर जल्दी आकर्षित नहीं होते। इसके अलावा समय समय पर अपने कूलर को साफ़ करे और बरसात में कही भी पानी इकठ्ठा ना होने दे। मच्छरदानी का उपयोग करे।
किसी भी ऐसे पुरुष या महिला के साथ कम से कम 6 महीने तक शारीरिक सम्बन्ध ना बनाये जो हाल फिलहाल ही ऐसे इलाके से आया हो जहा ज़ीका वायरस फैला हो।
Zeeka Fever भारत में :
भारत में ज़ीका फीवर का पहला केस मई 15 2017 में गुजरात में देखने को मिला। इसके बाद 2018 राजस्थान में 159 और मध्य प्रदेश में 127 ज़ीका फीवर के केस मिले। 6 अगस्त 2021 तक केरेला में 65 केस सामने आये।
लगभग 80% केस में इसके लक्षण नहीं आते हैं और शायद ये कब हो और चला जाए आपको पता भी ना चले। जिस भी केस में लक्षण आते भी हैं तो वह बहुत ही हलके होते हैं और काफी हद तक ये सभी लक्षण डेंगू से मिलते जुलते हैं।
गर्भवती महिलाओ में, बच्चे को यह इन्फेक्शन हो सकता हैं जिसकी वजह से कुछ abnormalities भी हो सकती हैं जैसे कि Microcephaly जिसमे बच्चे का सिर नार्मल साइज से छोटा रह जाता हैं, या फिर इसके अलावा किसी तरह की न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम। एडल्ट्स में ज़ीका फीवर के होने से Muscle Weakness हो सकती हैं और बहुत ही कम केसेस में डेथ।
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