दिल्ली की ख़राब हवा को देखते हुए दिल्ली में GRAP 3 लागू होने जा रहा हैं। आखिर क्या हैं GRAP 3 और क्या हैं इसकी लिमिटेशंस, आइयें जानते हैं –
क्या हैं GRAP 3 ?
GRAP (Graded Response Action Plan) को 2017 में पहली बार दिल्ली एनसीआर में CAQM यानी Commission for Air Quality Management के द्वारा लागू किया गया था। इसका सीधा उद्देश्य पर्यावरण की दूषित हवा को कम करना और इसे सांस लेने योग्य बनाना हैं। GRAP को Air Quality Index के हिसाब से 4 चरणों में बाटा गया है।
Stage 1: Poor AQI (201–300)
Stage 2: Very Poor AQI (301–400)
Stage 3: Severe AQI (401–450)
Stage 4: Severe+ AQI (above 450).
दिल्ली की ख़राब हवा को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पर GRAP 3 यानी स्टेज 3 लगा दी हैं। पिछले काफी दिनों से लगातार दिल्ली का Air Quality Index स्टेज 2 और स्टेज 3 में रह रहा हैं जिसे देखते हुए डॉक्टर्स ने भी हेल्थ अलर्ट जारी कर दिया हैं।
क्या हैं GRAP 3 की Restrictions ?
GRAP 3 का उद्देश्य हैं किसी भी तरह के प्रदुषण और उसके कारको को रोकना जिसकी वजह से हवा की क़्वालिटी ख़राब हो रही हो। जैसे कि –
* किसी भी तरह के निर्माण और तोड़फोड़ पर पूरी तरह से बैन। (इसमें हॉस्पिटल, रेलवे या मेट्रो निर्माण जैसे ज़रूरी कार्य सम्मिलित नहीं हैं )
* ईट भट्टो के निर्माण कार्य पर प्रतिबन्ध।
* गैर ज़रूरी जनरेटर्स का कम से कम उपयोग।
* डीजल से चलने वाले ट्रक्स और गाड़ियों पर पूर्ण प्रतिबन्ध (जरुरी रोजमर्रा के सामान को छोड़कर)।
* कूड़ा और किसी भी प्रकार के बायोमास को जलाने पर प्रतिबन्ध।
GRAP 3 लग जाने के बाद दिल्लीवालों को कई समस्याओ का सामना भी करना पड़ जाता हैं, खासतौर पर उन मज़दूरों को जो किसी तरह के निर्माण कार्य में हो और उन लोगो को जिनका अधिकतर काम जनरेटर्स पर निर्भर रहता हैं। ऐसे समय में इन्हे अपना काम करने के लिए जनरेटर्स के किसी दूसरे विकल्प के बारे में सोचना पड़ जाता हैं।
हालांकि GRAP 3 लगाना सरकार के लिए ऐसे समय बहुत ज़रूरी हो जाता हैं जब हवा सांस लेने योग्य भी नहीं रह जाए। लेकिन हमें यह भी मानना होगा कि GRAP 3 एक अस्थायी समाधान हैं। Air Pollution को कम करने के लिए सरकार को और आम जनता को सभी को मिलकर कोई स्थायी कदम उठाना पड़ेगा।